Badi Muskil Se Chalti Hai Zindagi,
Apne Haanthon Se Hi Sambhalti Hai Zindagi,
Koi Nahi Yahan Hazaaron Ki Bheed Mein.
Zindagi Jeete Hai Sab Apne Hi Liye,
Phir Kyon Yeh Itni Uljhanne Hai,
Kyon Dhokha Hai, Buraai Hai,
Har Haal Mein Ruswaayi Hai,
Tum Kitne Bhi Achche Ho,
Chahe Kitne Bhi Sachche Ho,
Sach To Yahi Hai Ki Zindagi Ki Raah Mein,
Tum Abhi Bhi Bachche Ho.
बड़ी मुश्किल से चलती है ज़िन्दगी,
अपने हाथों से ही संभलती है ज़िन्दगी,
कोई नहीं यहाँ हज़ारों की भीड़ में,
ज़िन्दगी जीते है सब अपने ही लिए,
फिर क्यों ये इतनी उलझने है,
क्यों धोखा है, बुराई है,
हर हाल में रुस्वाई है,
तुम कितने भी अच्छे हो,
चाहे कितने भी सच्चे हो,
सच तो यही है की ज़िन्दगी की राह में,
तुम अभी भी बच्चे हो.
Apne Haanthon Se Hi Sambhalti Hai Zindagi,
Koi Nahi Yahan Hazaaron Ki Bheed Mein.
Zindagi Jeete Hai Sab Apne Hi Liye,
Phir Kyon Yeh Itni Uljhanne Hai,
Kyon Dhokha Hai, Buraai Hai,
Har Haal Mein Ruswaayi Hai,
Tum Kitne Bhi Achche Ho,
Chahe Kitne Bhi Sachche Ho,
Sach To Yahi Hai Ki Zindagi Ki Raah Mein,
Tum Abhi Bhi Bachche Ho.
बड़ी मुश्किल से चलती है ज़िन्दगी,
अपने हाथों से ही संभलती है ज़िन्दगी,
कोई नहीं यहाँ हज़ारों की भीड़ में,
ज़िन्दगी जीते है सब अपने ही लिए,
फिर क्यों ये इतनी उलझने है,
क्यों धोखा है, बुराई है,
हर हाल में रुस्वाई है,
तुम कितने भी अच्छे हो,
चाहे कितने भी सच्चे हो,
सच तो यही है की ज़िन्दगी की राह में,
तुम अभी भी बच्चे हो.
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