Kyon Zindagi Mein Uljhane Hai Itni,
Kyon Har Kadam Pe Muskeele Hai Itni.
Kabhi Rote Hai,
Kabhi Hanste Hai,
Kuch Toote Sapne Hai,
Jise Hum Apna Kehte Hai.
क्यों ज़िन्दगी में उलझने है इतनी,
क्यों हर कदम पे मुश्किले है इतनी,
कभी रोते है,
कभी हँसते है,
कुछ टूटे सपने है,
जिसे हम अपना कहते है।
Kyon Har Kadam Pe Muskeele Hai Itni.
Kabhi Rote Hai,
Kabhi Hanste Hai,
Kuch Toote Sapne Hai,
Jise Hum Apna Kehte Hai.
क्यों ज़िन्दगी में उलझने है इतनी,
क्यों हर कदम पे मुश्किले है इतनी,
कभी रोते है,
कभी हँसते है,
कुछ टूटे सपने है,
जिसे हम अपना कहते है।
No comments:
Post a Comment