Tumne Hi Nahi Ki Ijjat,
To Zamane Se Kya Shikayat Karein,
Tumne Itna Rulaya Ab Hanse Kaise Yaar.
तुमने ही नहीं की इज्जत,
तो ज़माने से क्या शिकायत करें,
तुमने इतना रुलाया अब हंसें कैसे यार।
To Zamane Se Kya Shikayat Karein,
Tumne Itna Rulaya Ab Hanse Kaise Yaar.
तुमने ही नहीं की इज्जत,
तो ज़माने से क्या शिकायत करें,
तुमने इतना रुलाया अब हंसें कैसे यार।
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